SSLC का पूरा नाम क्या है?
नमस्कार फ्रेंड्स, स्वागत है आपका आज के इस आर्टिकल में। दोस्तों क्या आपको पता है SSLC full form क्या होता है, दोस्तों इस से जुड़ी हर जानकारी आज हम आपको आर्टिकल के अंदर देने वाले हैं। चली दोस्तों स्टार्ट करते हैं। दोस्तो जिस प्रकार हमें किसी नौकरी को पाने के लिए कुछ certificate की आवश्यकता होती है। तब हमें नौकरी मिलती है। उसी तरह SSLC भी एक Certificate होता है यह सर्टिफिकेट काफी important होता है, इसलिए दोस्तों इस सर्टिफिकेट से जुड़ी सभी जानकारी आपको अवश्य जानी चाहिए।
अक्सर हमारे मन में कई तरह के शब्दों को लेकर कई सवाल उठते है, लेकिन हमें उतनी जानकारी अवश्य होनी चाहिए। जितनी की हमें जरुरत है जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर हम इसका इस्तेमाल आसानी से एवं सही तरीके से कर सके। इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे कि SSLC पूरा नाम क्या है। SSLC सर्टिफिकेट क्या है, SSLC प्रमाण पत्र क्यों जरूरी होता है, SSLC प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त करें एवं SSLC से जुड़ी problems की जानकारी प्राप्त करेंगे।
SSLC क्या है ?
SSLC सर्टिफिकेट का पूरा नाम सेकेंडरी स्कूल leaving प्रमाण पत्र होता है। इसे हिंदी में माध्यमिक स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र भी कहते हैं। जैसा कि इसके नाम को पढ़कर आपको यह समझ में आ गया होगा कि यह किस बारे में इंफॉर्मेशन देना चाह रहा है तो चलिए अब हम इसके बारे में और अधिक जानकारी जान लेते हैं।
SSLC एक प्रकार का प्रमाण पत्र होता है जिससे यदि हम किसी स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं और पढ़ाई खत्म होने के बाद हम किसी दूसरे स्कूल में पढ़ने जा रहे हैं तो इसके लिए हमें इस सर्टिफिकेट की आवश्यकता पड़ती है। इसे ही हम SSLC certificate कहते हैं। इस प्रमाण पत्र की जरुरत हमें एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में जाने के वक्त पढ़ती हैं।
यदि हम दक्षिण भारत के केरला महाराष्ट्र तमिलनाडु कर्नाटक के उन राज्यों के बारे में बात करें तो हमें यहाँ पता चलेगा कि SSLC प्रमाण पत्र वहां के विद्यार्थियों के लिए कितनी important होती है। इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को ही पता होती है। बच्चों को secondary exam पूरी करने पर दक्षिण भारत के राज्यों जैसे केरला कर्नाटक तमिलनाडु के विद्यार्थियों को यह SSLC certificate प्रदान किया जाता है।
SSLC certificate का महत्व क्या है?
दक्षिण भारत के कई राज्यों में इस सर्टिफिकेट (प्रमाण पत्र) का बहुत अधिक महत्व है। इन राज्यों में दसवीं कक्षा के students को SSLC exam देना होता है यदि कोई विद्यार्थी इस परीक्षा में सफल हो जाता है तो उन्हीं को केवल यह प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
इन सभी राज्यों में यदि किसी विद्यार्थी के पास यह सर्टिफिकेट (प्रमाण पत्र) मौजूद होता है तो उससे इस बात का पता चलता है कि उस विद्यार्थी ने दसवीं तक की शिक्षा ग्रहण की है। इस प्रमाण पत्र को ग्रहण करने के बाद विद्यार्थी को एक बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने वाला समझा जाता है। यदि कोई विद्यार्थी सेकेंडरी लेवल तक की शिक्षा पूरी करने के उपरांत किसी भी शिक्षण संस्थान में जाना चाहता है तो उसे इस सर्टिफिकेट की आवश्यकता पड़ती है। इसी कारण से यह प्रमाण पत्र विद्यार्थियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
शिक्षा का वर्गीकरण –
भारत में शिक्षा को चार भागों में विभक्त किया गया है जैसे कि-
1. Play Group –
इसके अंतर्गत Nursery, K.G., L.K.G., U.K.G. आदि आते हैं। या किसी स्टूडेंट्स के जीवन का पहला पड़ाव होता है जहां से वह अपने शिक्षा की स्टार्टिंग करता है।
2. Primary Group –
primary group को किसी विद्यार्थी के जीवन का पहले 5 वर्षों की शिक्षा के रूप में भी जाना जाता है। इसके अंदर कक्षा 1 से कक्षा 5 तक के सभी क्लास आते हैं। यह किसी विद्यार्थी के शिक्षा का दूसरा पड़ाव होता है। इसी पड़ाव से किसी स्टूडेंट्स के शिक्षा की सही शुरुआत मानी जाती है।
3. सेकेंडरी ग्रुप –
यह भी primary ग्रुप की तरह 5 वर्ष की शिक्षा होती है । इस पड़ाव में कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के सभी classes आते हैं। यह विद्यार्थी के शिक्षा का तीसरा पड़ाव होता है।
4. High Secondary Group –
यह किसी विद्यार्थी के जीवन का चौथा पढ़ा होता है । इसमें कक्षा 11 से 12 एवं कॉलेज तक के क्लास उपलब्ध होते हैं। यह सबसे बड़ा secondary group माना जाता है। कोई भी विद्यार्थी इतने तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद स्नातक के लिए आसानी से apply कर सकता है।
SSLC क्यों जरूरी होता है ?
SSLC प्रमाण पत्र किसी भी विद्यार्थी के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रमाण पत्र के माध्यम से यदि आप दूसरे विद्यालय में पढ़ना चाहते हैं तो आपको वहां आसानी से प्रवेश करने दिया जा सकता है इतना ही नहीं बल्कि इस प्रमाण पत्र के माध्यम से आप नौकरी भी प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप कोई नौकरी करना चाहते हैं तो भी आपको ही सर्टिफिकेट (प्रमाण पत्र) की बहुत आवश्यकता पड़ेगी। नौकरी करने के लिए आपको पहले यह दिखाना होता है कि आप अपनी लास्ट शिक्षा कहां से प्राप्त किए हैं जिसकी जानकारी एसएसएलसी प्रमाण पत्र के माध्यम से मिलती है।
SSLC certificate कैसे प्राप्त करें?
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद इस सर्टिफिकेट को पाना कठिन नहीं होता है आप आसानी से ही प्रमाण पत्र को प्राप्त कर सकते हैं। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद आप जिस कॉलेज या विद्यालय से SSLC Sertificate प्राप्त करना चाहते हैं वहां आपको यह प्रमाण पत्र प्राप्त करने का कोई इंपॉर्टेंट कारण एवं उसके साथ एक एप्लीकेशन भी देना होगा। इतना करने के बाद उस विद्यालय या कॉलेज से आपको एसएसएलसी का original certificate मिल जाएगा।
यदि आप SSLC Sertificate प्राप्त कर चुके हैं तो इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि जिस जगह पर आपको original certificate की आवश्यकता पड़े केवल उसी जगह पर ही आप इसका इस्तेमाल करें वरना original certificate के जगह पर आप इसकी प्रतिलिपि को भी उपयोग में ला सकते हैं । क्योंकि यदि ओरिजिनल सर्टिफिकेट एक बार मिलने के बाद यदि वह आपसे खो गई तो इसे दोबारा प्राप्त करना बहुत अधिक कठिन हो जाता है । इसे दोबारा प्राप्त करने के लिए आपको फिर से SSLC आने के बाद ही यह certificate प्राप्त हो सकता है।
SSC certificate और SSLC certificate में क्या कोई अंतर होता है?
SSC certificate को हम सेकेंडरी प्रमाण पत्र विद्यालय के नाम से भी जानते हैं। यह सर्टिफिकेट उन स्टूडेंट्स को प्रदान किया जाता है जो कक्षा दसवीं की शिक्षा प्राप्त कर चुके हो। लेकिन कुछ राज्यों जैसे केरल कर्नाटक तमिलनाडु आदि में एसएससी सर्टिफिकेट के जगह SSLC प्रदान किया जाता है। इन दोनों (certificate) प्रमाण पत्र किसी भी तरह का कोई अंतर नहीं होता है यह दोनों सर्टिफिकेट माध्यमिक स्कूल प्रमाण पत्र के अंतर्गत ही आते हैं।
निष्कर्ष ( Comclusion )
दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं कि आपको आज का यह आर्टिकल काफी पसंद आया होगा और आप अच्छे से समझ गए होंगे कि SSLC क्या होता है और कैसे काम करता है और यह वेबसाइट के लिए क्यों जरूरी होता है दोस्तों यदि आपके मन में कोई सवाल या कंफ्यूजन है तो आप उसे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें आपकी पूरी सहायता की जाएगी और ऐसी ही लेटेस्ट जानकारी के ऑपरेटर सबसे पहले पाने के लिए हमारे ब्लॉक चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें। धन्यवाद!